छत्तीसगढ़ में बिजली व्यवस्था को 24 घंटे सुचारू बनाए रखने में ठेका कर्मचारियो का सबसे बड़ा योगदान है, लेकिन उनकी जायज मांगों की ओर प्रबंधन का ध्यान नहीं है। अपनी मांगों को लेकर बिजली ठेका कर्मी 18 अक्टूबर को बिजली मुख्यालय के सामने आमरण अनशन करेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के ठेका कर्मचारी मजदूर संघ अपनी मांगों को 10 से ज्यादा बार ज्ञापन सौंप चुका है।कंपनी प्रबंधन के आश्वासन के बाद भी वादा भूलने में कोई कसर नही छोड़ी है। कंपनी प्रबंधन के सौतेले व्यवहार को देखते हुए ठेका कर्मचारी मजदूर संघ ने विभाग को सवालों के घेरे में लिया है, जवाबी कार्रवाई में आमरण अनशन करने का ऐलान किया है।ठेका कर्मचारी मजदूर संघ ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ के 25 से अधिक जिले ऐसे है जहां के ठेकेदारो द्वारा बिना इपीएफ, इएसआइसी जमा किये बिना ही फर्जी बिल लगाकर बिल पास करवा रहे है, बिल पास करने में विभाग के आला अधिकारी भी शामिल है।
भारतीय मजदूर संघ ठेका प्रभारी एसके मजूमदार ने बताया कि छत्तीसगढ़ के युवा कर्मचारियों का यह दुर्भाग्य है कि न सरकार इन ठेकेदारो के उपर कोई कार्रवाई कर रही है और न ही विभाग। ठेकेदार ब्लैक लिस्टेड होने के बावजूद कर्मचारियो को फोन पर धमकी देते है फिर भी प्रबंधन शांत बैठी है।ठेका मजदूर संघ के महामंत्री दिनेश कुमार साहू ने बताया कि इस बार आश्वासन से काम नही चलेगा, क्योंकि कंपनी वादा भूलने में माहिर है। ज्ञापन सौंपने के बाद 10 दिवस का समय कंपनी प्रबंधन को दिया जाएगा। इस बीच कंपनी प्रबंधन अपना राय प्रकट नही करेगी तो ठेका कर्मचारी मजदूर संघ प्रदेश व्यापी काम बंदकर हड़ताल करने को बाध्य होगे। ऐसे में छत्तीसगढ़ में ब्लैक आउट होने की संभावना है।