हरदोई। लखनऊ हरदोई मार्ग के किनारे झाड़ियां मार्ग तक आने के कारण दो पहिया या पैदल चलने वाले लोग चोटिल व सड़क दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। इस ज्वलंत समस्या को सामाजिक कार्यकर्ता देवेंद्र कुमार ने जिलाधिकारी, लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड अधिशासी अधिकारी व राष्ट्रीय नेशनल हाईवे के जिम्मेदार अधिकारियों को दूरभाष के माध्यम से अवगत कराया।
बतातें चलें लखनऊ हरदोई नेशनल हाईवे पर मार्ग के दोनों तरफ झाड़ियां मार्ग तक आ गई है। जिसके चलते किसी समय पीछे से दो वाहन आते समय जब भी बाइक सवार किनारे जाते हैं। तब कंटीली झाड़ियों में उलझकर चुटहिल हो जाते हैं। किनारे नहीं जाने पर दुर्घटना होने का अंदेशा सताता है और किनारे जाने पर उनमें उलझकर चोटिल होने का ड़र भी लगा रहता है। हाईवे पर ऐसे वाक्या रोज ही देखने को मिल रहे हैं।
गौरतलब है कि बरसात के दिनों में मार्ग के किनारे कंटीली झाड़ियों का उग आना आम बात है। लेकिन यह झाड़िया विभाग द्वारा कटवाई जाती हैं। लेकिन इस वर्ष बरसात के दिन के खत्म होने के बाद भी विभाग द्वारा झाड़ियां कटवाई नहीं गई है। जो साइकिल, बाइक व पैदल मार्ग पर चलने वालों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। इस मार्ग पर डबल नहर पुल से सण्डीला तक मार्ग के दोनों किनारे फुटपाथ पर झाइयां हैं। जिससे हाईवे पर बाइक सवार व साइकिल व पैदल चलने वाले राहगीर को दोनों ही तरफ से परेशानी है। अगर किनारे से हटकर मार्ग के बीच में बाइक चलाएं तो दुर्घटना हो जाती हैं। इस मार्ग पर झाड़ियों के कारण कल बुधवार को एक बाइक सवार की जान चली गई। दर्जनों राहगीर इन झाड़ियों का शिकार हो चुके हैं, या मार्ग के किनारे पर चलाएं तो झाड़ियों से चोटिल होने का डर, अगर बाइक बीच में चलाएं तो दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। बाइक वाले के लिए वह कहानी चरितार्थ हो रही है कि एक तरफ कुंआ और एक तरफ खाई। अब किधर जाना है, यह तो साइकिल व बाइक वालों को ही तय करना है। जबकि इस मार्ग पर लगभग एक माह पूर्व में टुटियारा के पास झाड़ियों के चलते रोडवेज बस की टक्कर से मोटरसाइकिल सवार दो युवक गंभीर रूप से चोटिल हो गए थे। वही पूर्व में टुटियार के ही पास सुन्नी निवासी एक युवक झाड़ियों के चलते चौपहिया वाहन की चपेट में आने से मौके पर ही दर्दनाक मृत्यु हो गई थी। परंतु जिम्मेदार पता नहीं और कितनी घटनाओं के बाद कुंभकरणीय नींद से जागेंगे। इस ज्वलंत समस्या को सामाजिक कार्यकर्ता देवेंद्र कुमार ने जिला अधिकारी हरदोई, लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई आदि को दूरभाष के माध्यम से अवगत कराया, परंतु जिम्मेदारों ने एक दूसरे पर पल्ला झाड़ दिया। समस्या जस की तस बनी हुई है।
रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता