दीपपर्व पर मां लक्ष्मी व भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए लोग हर तरह की तैयारियों में जुटे रहे। बाजार भी लोगों की उम्मीदों के अनुरूप ही तैयार किया गया था। शहर में कई जगह पर फूलों के स्टॉल लगाए गए थे। रजनीगंधा, गेंदा, गुलाब, गुलसुपारी के फूलों की धूम रही लेकिन कमल के फूल की मांग अधिक थी। कमल के फूलों को कुंडा व पट्टी से मंगाया गया था।दीपावली के पर्व पर खासतौर पर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मां को प्रसन्न करने के लिए पूजा सामग्री में फूल और माला का अलग महत्व है। मान्यता है कि कमल के फूल से पूजा किए जाने पर मां लक्ष्मी की अपार कृपा मिलती है। इसी मान्यता को भांपकर फूल के कारोबारियों ने भी इसका इंतजाम कर रखा था। बाजार में कमल के फूलों की बड़ी खेप पहले से ही लाई गई थी। कमल का एक फूल दीपपर्व पर पन्द्रह से बीस रुपये में बिका जबकि कमल के फूल की माला 150 रुपये में बेची गई। इसके अलावा गेंदा के फूल की बड़ी माला 40 रुपये तथा छोटी माला 30 रुपये में बिकी। इसी तरह गुलाब का एक फूल 10 से 15 रुपये में बिका, जबकि गुलाब के फूलों की माला की कीमत 120 रुपये रही। प्रयागराज से खासतौर पर लाई गई गुलसुपारी की माला भी त्योहार पर 15 से 20 रुपये में बिकी। कोलकाता के रजनीगंधा की एक माला 80 रुपये में बिकी। फूल के कारोबारी रामफल ने बताया कि इस बार त्योहार पर फूल का कारोबार अच्छा रहा।
