हरदोई: टड़ियावां थाना क्षत्र के गाँव सडिला में जमीनी विवाद के चलते दबंग विपक्षियों की पिटाई से गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे शिशु की इलाज के दौरान हुई मौत, पुलिस से शिकायत कर पीड़िता ने उच्च अधिकारियों से जाँच कर लगाई न्याय की गुहार, मिली जानकारी के मुताबिक थाना टड़ियावां क्षेत्र के गाँव सडिला निवासी लक्ष्मी पत्नी वीरेंद्र वर्मा ने पुलिस अधीक्षक को दिए शिकायत पत्र में बताया कि उसके गांव में आबादी की एक बीघा जमीन उसके कब्जे में थी, जिसे गाँव के ही पृथ्वीपाल पुत्र रामचरन व रामवीर,गोलू पुत्रगण पृथ्वीपाल एवं पृथ्वीपाल की पत्नी ने लड़ाई झगड़ा करके जमीन पहले ही छीन ली थी, जिसके बाद पीड़िता के पास केवल 10 फीट जमीन बची हैं।उसमें भी उपरोक्त विपक्षी रास्ता मांग रहे हैं, दिनांक 22 सितंबर के दिन समय करीब 05 बजे पंच व प्रधान को फैसला हेतु बुलाया गया, पीड़िता अपनी बात कहने लगी तब उपरोक्त सभी विपक्षी गाली गलौज करने लगे तथा लात घूसों से पंचों व ग्राम प्रधान के सामने मारने पीटने लगें, वहां पर मौजूद तमाम लोगों ने बचाया पीड़िता करीब 08 माह की गर्भवती थी, विपक्षियों की पिटाई से महिला जमीन पर गिर गयी, जिसके बाद परिजनों द्वारा महिला को सीएचसी टड़ियावां इलाज के लिए ले गये, जहाँ से गंभीर हालत देखते हुए डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रिफर किया था, जिला अस्पताल में ठीक इलाज न होने पर पीड़िता का पति प्राइवेट अस्पताल ले गया, जहाँ 29 सितंबर को ऑपरेशन से मृत अवस्था मे नवजात शिशु को निकाला गया, घटना से पहले अल्ट्रासाउंड हुआ था जिसमे जज्चा बच्चा ठीक था, विपक्षियों द्वारा मारने पीटने के बाद पुनः हुए 25 सितंबर को डॉक्टरी परीक्षण/ अल्ट्रासाउंड में प्राथिनी के गर्भ में पल रहे बच्चे व पीड़िता को कईं चोटे आई, घटना के दिन ही 22 सितंबर को पीड़िता द्वारा थाना टड़ियावां पुलिस को प्राथना पत्र दिया गया। जिस पर कोई सुनवाई नही हुई,और बताया कि अस्पताल से छुट्टी के बाद पीड़िता व उसका पति घर जा रहा था, तब गाँव खेरिया के पास टड़ियावां थाने के कांस्टेबल सचिन व बलवंत ने पति वीरेंद्र को रोक लिया व उल्टा पीड़िता के पति पर आरोप लगाते हुए गन्दी- गन्दी गालियाँ देते हुए सुलह करने को कहने लगे और उक्त कांस्टेबल ने पीड़िता से कहा कि अगर तुम सुलह नही करोगे तो तुम्हारे पति को फर्जी मुकदमे में जेल में सड़ा देंगे इसके बाद पीड़िता व उसका पति घर आ गया, पीड़िता ने एसपी को दिए पत्र में यह भी बताया कि 23 सितंबर को थाना प्रभारी नए आ गए थे, और हल्का दरोगा व सिपाहियों ने विपक्षी से सांठगांठ कर पीड़िता के शिकायत पत्र को गायब कर दिया है, जिससे नवागन्तुक प्रभारी के संज्ञान में भी मामला नही पहुचा हैं, इसके साथ ही पीड़िता ने उच्च अधिकारियों से जाँच कर न्याय की गुहार लगाई है।
