सासनी- 31 अक्टूबर। नगर की सामाजिक एवं साहित्यिक संस्था साहित्यानंद के बैनर तले एक कविगोष्ठी का अयोजन किया गया। जिसमें कवियों ने इंदिरा गांधी और लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को काव्यात्मक श्रद्धांजलि अर्पित याद किया। गोष्ठी की अध्यक्षता बाबू सिंह ने की गोष्ठी का संचालन एमपी सिंह ने किया।
इतवार को आयोजित कविगोष्ठी में अध्यक्ष द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन करने के बाद रविराज सिंह नेसरस्वती वंदना का सस्वर पाठ किया। इसके बाद नव हस्ताक्षर कासिम अली खान ने सुनाया–मेरे देश में प्यार मुहब्बत की जो लाई आंधी, बलिदानी इतिहास रच गई आयरन लेडी गाँधी। इसके बाद रविराज सिंह ने अपने उद्धार काव्यबद्ध किए–अंग्रेजों की नाक में जिसने डाली सदा नकेल, हर दिल के सरदार थे वो बल्लभ भाई पटेल। तत्पश्चात अमरसिंह बौद्ध ने सुनाया –मां बेटों ने दी कुर्बानी काम वतन के आए, ऐसे वीर सपूतों से तो दुश्मन भी भय खाए। कवि वीरेन्द्र जैन नारद ने सुनाया मेरा भारत देश महान,यहाँ का कण कण है भगवान। कवि रामनिवास उपाध्याय ने सुनाया गांधी जी के शिष्य थे नेहरू और पटेल तीनों ने मिलकर किया राजनीति का खेल। कवि ऐम पी सिंह ने सुनाया पढ़ी-लिखी संतान, तो मुश्किल में आई आबादी, रिश्तों की लगी कतार बाप ने करदी फौरन शादी। हास्य कवि वीरपाल सिंह वीर ने सुनाया– महंगाई ने सबको आज इस तरह से मारा खत्म हो गए रिश्ता नाता रहा न भाईचारा। शायर हनीफ संदली ने सुनाया जालिम को उसके जुल्म का अहसास दिला दो, जिंदा हैं अभी हम जमाने को दिखा दो। शायर शाहिद संदली ने सुनाया लम्हा लम्हा देश का शुकून खो रहा है, गांधी तेरे देश में ये क्या हो रहा है । इस दौरान तमाम श्रोता मौजूद रहे।
