जिला जांजगीर चांपा के
शासकिय टी.सी.एल.पीजी कॉलेज जांजगीर विधि विभाग के मार्गदर्शन में ग्रुप ए खिलेश्वर कटकवार की टीम द्वारा मूट कोर्ट(नकली अदालत) प्रैक्टिकल मंचन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें प्रमुख रूप से नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रेडिनेशन काउंसिल नेक की टीम से रिस्पेक्टेड डॉ.पी ईश्वरा भट (वाइस चांसलर कर्नाटका स्टेट लॉ यूनिवर्सिटी हुबली कर्नाटका) डॉ.वाई एन तिवारी (फॉर्मर प्रोफेसर नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी मेघालय) डॉ.मस्थनैयाह चप्पारापू (फार्मर प्रिंसिपल डीके गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वूमेन नेल्लोर आंध्र प्रदेश)
की टीम द्वारा विधि विभाग के क्लासरूम,रिकॉर्ड रूम, लाइब्रेरी,मूट कोर्ट,स्टूडेंट की गतिविधियों के बारे में निरीक्षण किया गया तथा सभी प्रोफेसर से क्रमशःविभाग के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की गई उनकी टीम द्वारा मूट कोर्ट का मंचन कर रहे छात्र-छात्राओं की कोर्ट की कार्यवाही को देखा गया और उसकी प्रशंसा की गई छात्र-छात्राओं द्वारा भारतीय दंड संहिता 1860 के अंतर्गत अपराधिक मानव वध पर आधारित केस पर मंचन किया जा रहा था जिसमें पात्रों के रूप में खिलेश्वर कटकवार (जज) प्रदीप गवेल (सरकारी वकील) सुरभि पांडे (बचाव पक्ष की वकील) अमित शेखर केसरवानी (अभियुक्त) सरकारी गवाह अभियोजन पक्ष,विशाल सिंघल (डॉक्टर)विश्व नारायण तेंदुलकर (फॉरेंसिक एक्सपर्ट) शहनाज बानो (थाना इंचार्ज) अजय सोनी (निरीक्षक)उत्तरा कुमार (उप निरीक्षक) पारस वर्मा (पटवारी) देव प्रसाद साहू (मिष्ठान संचालक) संजय कश्यप (कीटनाशक केंद्र संचालक) खगेश कुमार (गार्डन का माली)सन्नू सुगंधिता(लड़की की मां) रश्मि केसरवानी (बहन) कृष्ण कुमार कश्यप (भाई)ज्योति बाला पाटले (सहेली) बचाओ पक्ष से गवाह शीला बांधेकर (अभियुक्त की मां) चंद्रप्रकाश कश्यप (भाई) सोनिया साहू (बहन) न्यायालय स्टॉप दिगंबर पटेल (दस्तावेज लेखक) जय करण बंजारे (रीडर)सुरेंद्र सोनवानी (भृत्य) दर्शक छवि राय ,सलीन सिंह, गुंजन कुमार, भूपेंद्र कुमार,उर्वशी लाकेश सभी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इस वाद में अभियुक्त अमित कुमार का कुमारी दीप्ति (मृतका) से प्रेम संबंध होता है दीप्ति की परिजन द्वारा विवाह की सहमति नहीं दी जाती है इस कारण यह दोनों आत्महत्या करने का प्रयास करते हैं इस प्रयास में दोनों की सहमति होती है दुर्भाग्यवश कु.दीप्ति की मृत्यु जहर युक्त लड्डू के सेवन से हो जाती है और अमित बच जाता है अभियुक्त अमित कुमार के ऊपर भारतीय दंड संहिता की धारा 300,299, 302, 306,328 के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय पेश किया जाता है अभियोजन और बचाव पक्ष दोनों के द्वारा सबूत पेश किये जाते हैं उन सबूतों तथ्यों के आधार पर जज खिलेश्वर कटकवार के द्वारा अभियुक्त अमित कुमार को भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 299 अपराधिक मानव वध,धारा 304 हत्या की कोटि में ना आने वाला अपराधिक मानव वध अधिरोपीत कर अभियुक्त को 10 वर्ष की कारावास एवं 40,000 रुपये अर्थदंड से दंडित किया जाता है जुर्माना ना पटाने की स्थिति में अतिरिक्त 6 माह कारावास की सजा दी जायेगी, अभियोजन पक्ष से प्रदीप कुमार गवेल एवं बचाव पक्ष से मामले की पैरवी सुरभि पांडे ने किया सफल कार्यक्रम के मंचन के लिए कॉलेज के प्राचार्य डॉ.अंबिका प्रसाद वर्मा, विधि विभाग की एचओडी एवं प्रोफेसर डॉ. आभा सिन्हा,प्रोफ़ेसर विधि, डॉ. जी.एन.सिंह,डॉ.अभय सिन्हा प्रो. नरेश आजाद प्रो.हिमांशु मिश्रा डॉ.इंदु साधवानी (सदस्य जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड जांजगीर) योगेश राणा, राजू महंत (एल एल एम)ने सभी छात्र छात्राओं के प्रस्तुति की प्रशंसा एवं उनके उज्जवल भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की इस प्रकार कार्यक्रम का विधिवत रूप से समापन हुआ