अंबिकापुर तमोर पिंगला अभयारण्य क्षेत्र से निकलकर मैदानी क्षेत्र में विचरण कर रहे हाथियों के दल में शामिल एक हाथी के बीमार होने के बाद वन विभाग ने निगरानी बढ़ा दी है। सूरजपुर डीएफओ ने वन संरक्षक वन्य प्राणी को पत्र भेजकर बीमार हाथी के उपचार के लिए मार्गदर्शन मांगा है इधर छत्तीसगढ़ के जिस एकमात्र हाथी पर सेटेलाइट कालर आइडी लगी हुई है उसका लोकेशन भी सेटेलाइट के माध्यम से 12 घण्टे से मिलना बंद हो गया है। यह तभी होता है जब कालर आइडी काम करना बंद कर देता है इससे उस हाथी की निगरानी भी बड़ी चुनौती बन गई है। खेतों में खड़ी फसलों के कारण हाथियों का मूवमेंट आबादी व मैदानी क्षेत्रों में बढ़ गया है।
तमोर पिंगला अभयारण्य क्षेत्र में रहने वाले हाथी इन दिनों आबादी क्षेत्रों की ओर पहुंच गए है। खेतों में धान,गन्ना की खड़ी फसल को हाथियों द्वारा बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया जा रहा है। तमोर पिंगला अभयारण्य क्षेत्र से 15-16 हाथियों का दल कुछ दिनों पहले सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ वन परिक्षेत्र में विचरण कर रहा है हाथियों की वजह से प्रभावित क्षेत्र के लोग परेशान हैं वन विभाग की चिंता नासिर जान माल के नुकसान से बचाने को लेकर है बल्कि दल में शामिल एक हाथी के बीमार होने की जानकारी दी मैदानी कर्मचारियों से मिली है यह हाथी सही तरीके से चल फिर नहीं पा रहा है दूसरे हाथी भी बीमार हाथी की वजह से एक क्षेत्र में जमे हुए हैं सूरजपुर डीएफओ द्वारा वन संरक्षक वन्य प्राणी को पत्र भेजा गया है जिसमें उल्लेख किया गया है कि परिक्षेत्र कुदरगढ के परिक्षेत्र सहायक वृत्त लांजित बीट लांजित के अंतर्गत लांजित के आश्रित ग्राम पुतकी (खालपारा) में वन विकास निगम के वनक्षेत्र में बीते 13 अक्टूबर से 15-16 हाथी विचरण कर रहे है।दल में शामिल एक हाथी बीमार है। बीमार हाथी के निगरानी हेतु अधिकारी, कर्मचारियों को लगाया गया है। क्योंकि वन विभाग को पहले पता चल चुका है कि आंखें बीमार है इसलिए उसके उपचार की व्यवस्था करना विभाग के लिए भी चुनौती बन गई है।
इसी साल बलरामपुर वन परिक्षेत्र में बीमारी के कारण दो हाथियों की मौत हो चुकी है। ऐसे में सूरजपुर जिले में विचरण कर रहे दल में शामिल बीमार हाथी के उपचार के लिए वन संरक्षक वन्य प्राणी से मार्गदर्शन मांगा गया है। अभी तक बीमार हाथी के उपचार के लिए कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है। खेती के इस सीजन में सरगुजा वन वृत्त में हाथियों की चहलकदमी आबादी और मैदानी क्षेत्रों में बढ़ गई है।कई वषोर् से दल से अलग घूम रहे बहरा देव हाथी पर सेटेलाइट कालर आईडी लगी हुई थी। छत्तीसगढ़ में यह एकमात्र हाथी है जिस पर सेटेलाइट कलर आईडी लगी है, लेकिन सेटेलाइट के माध्यम से पिछले 12 घंटे से इस हाथी का लोकेशन भी नहीं मिल पा रहा है। यह तभी संभव होता है जब सेटेलाइट कलर आईडी काम करना बंद कर देता है। बैटरी समाप्त हो जाने अथवा तकनीकी खराबी की वजह से यह परिस्थिति निर्मित होती है। बहरा देव हाथी ज्यादा आक्रामक है इसलिए उसका लोकेशन नहीं मिल पाने से भी वन विभाग की चिंता बढ़ गई है। कुछ दिनों से यह हाथी रमकोला के नजदीक हाथी रेस्क्यू सेंटर के पास पहुंच गया था। वन कर्मचारियों को अंतिम बार जिस स्थान पर यह हाथी का लोकेशन मिला था उसी आसपास निगरानी में लगाया गया है।यह भी देखा जा रहा है कि कहीं सेटेलाइट कालर आईडी गिर तो नहीं गई है।